शिरोमणी अकाली दल ने अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल को झूठे मामले में फंसाने की बात पर यह क्या कह दिया

शिरोमणी अकाली दल ने अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल को झूठे मामले में फंसाने की बात पर यह क्या कह दिया

शिरोमणी अकाली दल ने अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल को झूठे मामले में फंसाने की बात पर यह क्या कह दिया

शिरोमणी अकाली दल ने अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल को झूठे मामले में फंसाने की बात पर यह क्या कह दिय

कहा कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने डीजीपी, गृह सचिव, एजी, एसआईटी अध्यक्ष और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी रणबीर सिंह खटड़ा, और अन्य के साथ राजभवन में गुप्त मीटिंग की ताकि शिअद अध्यक्ष को फंसाने की साजिश रची जा सके

 

कहा कि पूर्व आईजी खटड़ा ने कांग्रेस कार्यकर्ता राजिंदर कौर मीमसा को अकाली दल अध्यक्ष के खिलाफ झूठा गवाह तैयार किया

 

राज्यपाल से आग्रह किया कि साजिश पर नोटिस लेकर मामले में कार्रवाई करने की अपील की

चंडीग़ढ़/12नवंबर: शिरोमणी अकाली दल ने आज पंजाब राजभवन के एनेक्सी में 22 अक्टूबर को मीटिंग कर शिअद अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल को झूठे केस में फंसाने की कांग्रेस सरकार की आपराधिक साजिश को बेनकाब करते हुए कहा कि बेअदबी मामले की पूरी जांच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश को सौपंने की मांग की।

 

गुप्त मीटिंग को सार्वजनिक करते हुए वरिष्ठ अकाली नेता महेशइंदर सिंह ग्रेवाल के साथ प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा और  डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा 22 अक्टूबर को सुबह साढ़े 11 बजे से डेढ़ बजे के बीच राजभवन एनेक्सी में गुप्त मीटिंग कर इस साजिश को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार हैं उन्होने बताया कि मीटिंग में डीजीपी आईपीएस सहोता, गृहसचिव अनुराग वर्मा, एडवोकेट जनरल एपीएस देओल, सिट के चेयरमैन एसपीएस परमार, एआईजी आर.एस. सोहल, एसएसपी मुखविंदर भूल्लर, डीएसपी लखबीर सिंह तथा इंस्पेक्टर दलबीर सिंह ,रिटायर्ड पुलिस अधिकारी- आर.एस. खटड़ा और सुलेखान सिंह तथा विधायक कुशलदीप ढ़िल्लों तथा कुलबीर जीरा मौजूद थे।

 

सरदार महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि इस मीटिंग का उददेश्य कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक विरोध में खासतौर से बादल परिवार को झूठे मामलों में फंसाकर लोगों का ध्यान भटकार सत्ता विरोधी लहर को बेअसर करना है। उन्होने कहा कि पूर्व आईजी आर.एस. खटड़ा, को बादल परिवार के खिलाफ झूठे गवाहों के जरिए बयान देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होने कहा कि गृहमंत्री रंधावा द्वारा सेवानिवृृत्त अधिकारी जो उनके बेहद करीबी थे, खटड़ा तथा मुख्यमंत्री के बीच ऐसा करने को सहमत हो गए। ‘‘ खटड़ा को संवैधानिक पद का वादा किया गया है और उनके बेटे का पटियाला यां मालवा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट देने का वादा किया गया है’’।

 

सरदार ग्रेवाल ने कहा कि इस डील के हिस्से के रूप में खटड़ा ने एक कांग्रेस कार्यकर्ता - राजिंदर कौर मीमसा को अकाली दल अध्यक्ष के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराने के लिए तैयार किया। ‘‘ साजिश यह है कि राजिंदर प्रेस कांफ्रेंस करेंगें और डीजीपी से पूछेंगें कि उसकी शिकायत दर्ज क्यों नही की जा रही है। ‘‘ तैयार की गई शिकायत यह है कि कांग्रेस कार्यकर्ता, जो अस्थायी रूप से शिअद में शामिल हो गई थी, 2017 में सरदार बादल के निवास पर गई थी। उन्होने कहा कि बाद में राजिंदर ने दावा किया  कि उन्होने 2017 के चुनावों के बाद सरदार बादल के आवास में उन्ही नेताओं को देखा था तथा सरदार सुखबीर सिंह बादल को यह कहते हुए सुना था कि ‘‘ नई सरकार हमारी है और मैं आपके साथ कुछ नही होने दूंगा’’।

 

प्रो. चंदूमाजरा और डॉ. चीमा सहित अन्य नेताओं ने पूरी साजिश को बेनकाब करते हुए  पंजाब के राज्यपाल से अनुरोध किया कि वे शीघ्र ही मीटिंग कर उन्हे शीघ्र इस मामले में कार्रवाई करने का अनुरोध करेंगें। उन्होने राज्यपाल से आग्रह किया कि 22 अक्टूबर को राजभवन एनेक्सी में सवेरे 11.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक  पंजाब राजभव के गेस्टहाउस  में हुई मीटिंग की सीसीटीवी फुटेज पार्टी को उपलब्ध कराए। उन्होने मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से भी मांग की कि वे इस बात का खुलासा करें कि एसआईटी की मीटिंग इतने गुप्त अंदाज में क्यों हुई और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी इससे क्यों जुड़े रहे। उन्होने यह भी पूछा कि जब हाईकोर्ट ने शर्त रखी थी कि पूर्व आईजी कुंवर विजय प्रताप द्वारा कराई गई हेराफेरी की जांच के बाद मुख्यमंत्री और गृहमंत्री जांच के साथ साथ एसआईटी के कामकाज में हस्तक्षेप क्यों कर रहे हैं।

 

अकाली दल अध्यक्ष ने सेवानिवृत्त आईजी आर.एस. खटड़ा से भी उनके व्यवहार के बारे में बताने के लिए कहा क्योंकि उन्होने पहले एसआईटी की अगुवाई की थी, जिस दौरान उन्होने दावा किया था कि पिछली शिअद-भाजपा सरकार ने जांच के कामकाज में हस्तक्षेप नही किया था। उन्होने पूछा,‘‘ क्या उसने पहले गलत जांच कराई थी यां अब एक का हिस्सा बन रहे ? इन नेताओं ने यह भी पूछा कि क्या उनके बेटे सतबीर खटड़ा के हालिया इस्तीफे के बीच कोई संबंध है, जिन्होने इससे पहले पार्टी के टिकट पर 2017 विधानसभा चुनाव लड़ा था।

 

अकाली दल अध्यक्ष ने डीजीपी आईपीएस सहोता से यह भी पूछा कि क्या वह पूववर्ती अकाली दल के दौरान बेअदबी में शामिल लोगों के बारे में दिए अपने बयान पर खड़े हैं। ‘‘ श्री सहोता ने इस मुददे पर एक प्रेस कांफ्रेंस भी की है। वह बताएं की क्या सच है,उनकी पहली की प्रेस कांफ्रेस यां फिर मौजूदा समय में रची जा रही साजिश।

 

अकाली नेता ने कांग्रेस सरकार को चेतावनी दी कि वह शीर्ष लीडरशीप के खिलाफ झूठे सबूत गढ़कर राजनीतिक हितों को प्राप्त करने के लिए अवैध साधनों का इस्तेमाल न करें तथा कहा कि इस तरह डराने धमकाने की रणनीति से अकाली दल हरगिज नही डरेगा। उन्होेन कहा कि कांग्रेस पार्टी ने शिअद-भाजपा सरकार को मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए मजबूर करके बेअदबी के मामले को सुलझाने में बाधाएं पैदा की थी। नेताओं ने कहा कि अब चन्नी सरकार पंजाबियों को बंाटकर केंद्र के हाथों की कठपुतली बनी हुई है , यहां तक कि अकाली दल अध्यक्ष के फोन भी टैप करने तक हद पार कर गई है। उन्होने कहा कि आगामी संसदीय सत्र में इस संबंध में विशेषाधिकार प्रस्ताव भी पेश करेंगें।